परिचय (Introduction):

पूजनीय माता पिता को सादर समर्पित जो मेरे समस्त कार्यों की प्रेरणा स्रोत रहे हैं।

यूनिवर्सिद्ध दो शब्दों यूनिवर्स + सिद्ध का केवल मिलाप ही नहीं है बल्कि इसकी सच्चाई एक १२ वर्ष आयु के बालक के जीवन से शुरू होती है। अपनी सेवा, दिव्य-ज्ञान तथा लोक कल्याण के प्रति समर्पण भाव से जब आपने एक विद्वान सन्यासी को प्रभावित किया और शुभ आशीर्वाद स्वरुप उन्होंने तब से आपको यूनिवर्स नाम से सम्बोधित किया। इसी तरह, आपकी माताजी ने भी प्यार से आपका यही नाम कायम किया। उत्तराखंड में पारिवारिक आयुर्वेद परंपरा में यूनिवर्स का पालन, पोषण, अध्ययन और संस्कार हुआ। स्वास्थ्य सेवा के साथ साथ आप ओशो रजनीश के विचारों से प्रभावित होकर कुछ ही समय में ओशो सन्यासी भी बन गए। आध्यात्मिक गतिविधियां एवं योग साधना द्वारा स्वय विकास के साथ रेकी और टेलीपैथी जैसी विद्या भी पूर्ण क्षमता से प्राप्त की और गत ३० वर्षों से जन सेवा में समर्पित भी की। आज जन मानस में आपकी पहचान आयुर्वेदाचार्य नाडी विशेषज्ञ तथा टेलीपैथी विद्वान के रूप में बन गयी है। लोगों को सिर्फ देखने या उनसे बात करने से भी आप उनके अंदर की असंतुलित ऊर्जा को पहचान कर उनका उपचार बेहतरीन रूप से प्रारम्भ कर देते है।

आपने उत्तराखंड में ही शतायुषी आयुर्वेद रिसर्च सेंटर की स्थापना कर शतायुषी नाम से नवीनतम तथा गुणकारी २०० से भी ज्यादा आयुर्वेदिक दवाईयों का निर्माण व वितरण शुरू किया जो आज लाखो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में सहायता कर रहा है।

आध्यात्मिक विचारों तथा सामजिक दृष्टिकोण के परिणाम स्वरूप आप ने ‘चैतन्य नगरी’ का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया है जिसमे आयुर्वेद उपचार, आध्यात्मिक शिक्षा/उन्नति, वैलनेस सेंटर, ओशो प्रार्थना गृह, पुनर्वास केंद्र, तथा रिजुविनेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध है।

चैतन्य नगरी (Chaitanya Nagari):

जहां शरीर, मन, बुद्धि व आत्मा के निरामय चैतन्य की अनुभूति आप सदैव महसूस करे उस दिव्य धाम को हम चैतन्य नगरी नाम से सम्बोधित करते है। चैतन्य नगरी का निर्माण हमारे वर्षों की मेहनत, विचारधारा तथा सामाजिक दृष्टिकोण का प्रतिबिम्ब है। बिना किसी भेद-भाव से सेवा, उपचार, ज्ञान, आत्मोन्नति और आनंद का अनुभव ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखते हुए चैतन्य नगरी के अंतर्गत विशेष सेवाएं प्रदान करने का संकल्प किया है। यह डॉ. यूनिवर्स की दूरदृष्टि का परिणाम है जो समाज को योग, ध्यान, ग्यान, स्वास्थ्य, वैराग्य तथा अपने अंदर के अनंत चैतन्य को पूर्णानंद में परावर्तित करने की क्षमता रखता है। विशेष रूप से यह नगरी अनेक दिव्य चैतन्य स्वरूपों का समूह है जिसके अंतर्गत टेलीपैथी / रेकी, आयुर्वेदिक उपचार, आध्यात्मिक मनोविकास व कल्याण, जीवन विकास कल्याण और पुनर्वास केंद्र का समावेश है।

आयुर्वेदाचार्य, नाड़ी वैद्य तथा टेलीपधी और रेकी विशेषज्ञ होने के साथ साथ डॉ. यूनिवर्स एक ओशो सन्यासी भी है। इसलिए यहाँ एक भव्य ओशो सामुदायिक प्रार्थना सभागृह निर्माण किया गया है जहाँ सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों की लाइ‌ब्रेरी के साथ मिनी थिएटर भी है। यहाँ आप विश्वविख्यात महानुभावों के प्रेरणादायी और मार्गदर्शक वीडिओज़ का आनंद ले सकते है। यहाँ आध्यात्मिक साधना करने वाले लोगों को ‘ओशो सन्यासी दीक्षा’ भी दी जाती है।

चैतन्य नगरी की एक और विशेषता है कि यहाँ ‘जीवन विकास कल्याण’ केंद्र में २१ दिन का प्रोग्राम है जिस में ध्यान, योग, चिकित्सा, आयुर्वेदिक उपचार, आहार-नियम द्वारा शरीर-मन आत्मा को सतुलित किया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप अगले ३४४ दिन आप को मुक्त रूप से जीवन का आनंद ले सकते है।

भविष्यदृष्टि (Future Sight):

यह ब्रह्मांड है – एक बाहर और एक भीतर भी। उसे हम पूरी गंभीरता और गुणवत्ता के साथ अधिकतम तलाशने और जरूरतमंदों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। एक चैतन्ययुक्त संपर्क माध्यम की निर्मिति का हमारा संकल्प है जिससे अधिक से अधिक लोगों को अच्छे स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आनंदमय जीवन के पथ पर लाना संभव हो। ऐसा करके, हमारा लक्ष्य मन्, शरीर और आत्मा को सिंक्रनाइज़ और सक्रिय रूप से सर्वश्रेष्ठ करने के लिए एक अनंत स्रोत बनना है। हम चाहते हैं कि हर कोई जीवन की अनंत ऊर्जा प्राप्त करे।

लक्ष्य (Mission):

आयुर्वेदिक अनुसंधान और उपचार, टेलीपैथी और रेकी हीलिग, आध्यात्मिक कल्याण और कायाकल्प केंद्र के माध्यम से इस पृथ्वीलोक के लिए अनंत जीवन ऊर्जा का प्रसार करें। जीवन में आनंद, शांति और समग्र समृद्धि प्राप्त करने के लिए लोगों को उनके मूल आध्यात्मिक अस्तित्व की खोज के लिए आकर्षित करें।

आदर्श-मूल्य: (Values):

सेवा और अनुकम्पा

जज्बा और समर्पण

अनुसन्धान और परिणाम

आनंद और शान्ति


शतायुषि (Shatayushi):

यह यात्रा लगभग १५० साल पहले, 1870 में, आयुर्वेद को दुनिया भर में हर घर तक ले जाने के उद्देश्य से शुरू हुई थी। इस वैश्विक दृष्टिकोण के पीछे विशेष रूप से आदरणीय स्व. श्री. फतेह प्रताप सिंह, स्व. श्री. जागन प्रताप सिंह और स्व. श्री. रघुवीर प्रताप सिंह की जीवनभर की अधक परिश्रम युक्त स्वास्थ्य सेवा, शोध, नई औषधियों की खोज और निर्मिति तथा भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी राष्ट्र सेवा है। ऐसे पृष्ठभूमि वाले परिवार की परंपरा को और समृद्ध रूप से आगे ले जाने वाले लोकप्रिय और प्रसिद्ध व्यक्ति है डॉ. यूनिवर्स जिन्होंने शतायुषि आयुर्वेद रिसर्च सेंटर की स्थापना की। इसके पीछे आयुर्वेद चिकित्सा व उपचार की प्राचीन और पारंपरिक प्रक्रिया की मदद से एक स्वस्थ समाज का निर्माण मह प्रमुख उद्देश्य है। आयुर्वेद में उन्नत अनुसंधान और विकास के साथ, दवाओं का परीक्षण और उपचार के सफल कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप ‘शतायुषि’ का निर्माण हुआ जिससे लोग अच्छे स्वास्थ्य के साथ पूर्ण रूप से जीवन का आनंद ले सके। उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला में हर्बल कैप्सूल, हर्बल पाउडर, हर्बल चाय, हर्बल टैबलेट, हर्बल तेल, हर्बल ज्यूस, सौदर्य प्रसाधन उत्पाद आदि शामिल हैं। सभी हर्बल उत्पादों में प्रामाणिकता है और सभी उत्पादों में मानकीकृत हर्बल फॉर्मूला है। प्रत्येक उत्पाद शुद्धतम हर्बल अर्क के साथ बनाया जाता है, सिद्ध ज्ञान के साथ समृद्ध और शुद्धता और स्थिरता के लिए कड़ाई से परीक्षण किया जाता है जो हर्बल सप्लीमेंट्स की सर्वोत्तम श्रेणी प्रदान करता है, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उत्कृष्ट है।

शतायुषि कंपनी डॉ. यूनिवर्स (MD) द्वारा उनकी रुचि और मानवता की सेवा करने के जुनून के लिए एक अभिनव विचार के साथ अस्तित्व में आई। शतायुषि आयुर्वेद रिसर्च सेंटर के तहत उत्पादित उत्पाद 100% शुद्ध और हर्बल है। इन उत्पादों की परिणामी दर बहुत अधिक और सकारात्मक है क्योंकि हर्बल उत्पादों के निर्माण के लिए सही प्रकार के कच्चे माल और जड़ी-बूटियों के चयन पर बहुत जोर दिया जाता है। कंपनी अभी भी कई और प्रभावी आयुर्वेदिक उत्पादों को विकसित करने की प्रक्रिया में है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को बड़ी राहत दे सकते है।

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